
आगरा में 15 दिन के अंतराल के बाद श्री जगन्नाथ भगवान ने एक बार फिर अपने भक्तों को दर्शन दिए। कमला नगर स्थित इस्कॉन मंदिर में गुरुवार को नयन उत्सव के अवसर पर विशेष आयोजन किया गया। मंदिर में भगवान जगन्नाथ की रसोई में 56 प्रकार के चावल पकाए गए, जिनमें गुड़ के चावल, गन्ने के रस में बने चावल, चीनी के चावल, साधारण चावल, नमकीन चावल समेत कई विशेष व्यंजन शामिल थे।
भक्तों ने भी अपने-अपने घरों से ढोकला, कचौड़ी, पूड़ी, मठरी, पराठा, सब्जियां, रसगुल्ले, बर्फी जैसे पकवान लाकर प्रभु को अर्पित किए।
दर्शन से पहले मंदिर में “हरे राम, हरे कृष्ण” कीर्तन गूंज उठा और श्रद्धालु भगवान की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखाई दिए। मंदिर परिसर रंग-बिरंगे पुष्पों और जगमगाती रौशनी से सुसज्जित किया गया। आगरा इस्कॉन के अध्यक्ष अरविंद प्रभु ने भगवान की आरती उतारी और गोविंद, जगन्नाथ अष्टकम जैसे स्तुतिगान किए। इसके साथ ही भक्तों ने “हरे रामा, हरे कृष्णा” कीर्तन में हिस्सा लिया और देर तक नृत्य किया।
रथयात्रा का आयोजन 27 जून को
श्री जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन 27 जून को किया जाएगा, जो दोपहर 2 बजे बल्केश्वर महालक्ष्मी मंदिर से प्रारंभ होकर बल्केश्वर और कमला नगर क्षेत्र में भ्रमण करेगा। रात्रि लगभग 8 बजे रथयात्रा श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचेगी। रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ सतरंगी पोशाक में सजे-धजे रथ (नंदीघोष) में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। विशेष बात यह है कि यह पोशाक आगरा और वृंदावन के भक्तों द्वारा स्वयं तैयार की गई है। रथयात्रा में यूक्रेन और रूस समेत भारत के विभिन्न प्रांतों से हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे।