मामले की पृष्ठभूमि:
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह के विवादित बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उन्होंने 11 मई को इंदौर के महू क्षेत्र में एक जनसभा के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताया था।

बयान के बाद भारी विवाद खड़ा हो गया और मामले ने कानूनी रूप ले लिया।
सुप्रीम कोर्ट का रुख:
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता शामिल थे, ने हाईकोर्ट से कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, वह सुनवाई न करे। कोर्ट ने कहा कि SIT की जांच शुरुआती चरण में है और उसे जुलाई तक का समय दिया गया है।
SIT की जांच और स्थिति:
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 19 मई को SIT का गठन हुआ, जिसमें IG प्रमोद वर्मा, DIG कल्याण चक्रवर्ती और SP वाहिनी सिंह शामिल हैं।
SIT ने 6 दिन की जांच के दौरान कुछ साक्ष्य जुटाए और गवाहों के बयान लिए, लेकिन अब तक मंत्री विजय शाह से पूछताछ नहीं की गई है।
शाह के बयान का वीडियो जांच का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
कर्नल सोफिया पर टिप्पणी:

विजय शाह ने अपने बयान में कहा था, “मोदी जी ने आतंकियों की बहन को भेजा।” इसके साथ उन्होंने आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए सोफिया कुरैशी को निशाना बनाया।
माफी और कोर्ट की प्रतिक्रिया:
विजय शाह ने अब तक तीन बार माफी मांगी है। 13 मई, 14 मई और 23 मई को दिए गए माफीनामों में उन्होंने अपने बयान पर खेद जताया।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस माफी को “मगरमच्छ के आंसू” बताया और कहा कि इस तरह की टिप्पणियां देश को शर्मिंदा करती हैं। कोर्ट ने उनकी माफी अस्वीकार करते हुए तीखी टिप्पणी की।
FIR और कानूनी कार्रवाई:
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
इसके तहत इंदौर के मानपुर थाने में विजय शाह पर मामला दर्ज हुआ।
इस आदेश को चुनौती देने के लिए विजय शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी का परिचय:
1999 में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त किया।
कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों का हिस्सा रहीं।
हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिखाई दीं, जहां उन्होंने सेना की भूमिका पर जानकारी दी।
विवाद की समयरेखा (Timeline):
11 मई: महू में बयान दिया।
13 मई: दो बार माफी मांगी गई।
14 मई: हाईकोर्ट ने FIR के निर्देश दिए।
15-16 मई: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई।
19 मई: सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तय की।