अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान उड़ान भरते ही हादसे का शिकार हो गया। सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद ही विमान ज़मीन पर गिरकर आग के गोले में तब्दील हो गया। इस भयंकर दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत सभी 242 यात्रियों की मौत हो गई। शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि पहचान मुश्किल है और डीएनए जांच की जरूरत पड़ रही है।

इस विमान में 169 भारतीय, 73 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक सवार थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जीवित बचा है। यह दुर्घटना भारत के इतिहास की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में से एक बन गई है और देश को कई चर्चित नेताओं व वैज्ञानिकों की हवाई दुर्घटनाओं में जान गंवाने की घटनाओं की याद दिलाती है—जैसे लोकसभा अध्यक्ष, राज्यपाल, तीन मुख्यमंत्री, देश के पहले CDS और वरिष्ठ वैज्ञानिकों की मृत्यु।
कौन थे विजय रूपाणी?
विजय रूपाणी भारतीय राजनीति में एक प्रतिष्ठित चेहरा रहे हैं। उनका राजनीतिक सफर 1998 में शुरू हुआ जब वे राजकोट के मेयर बने। इसके बाद 2006 में वे राज्यसभा सांसद चुने गए और फिर 2014 में राजकोट पश्चिम से विधायक बने। 2016 से 2021 तक उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली।
विजय रूपाणी की संपत्ति और पेंशन

2017 में दाखिल हलफनामे के अनुसार, विजय रूपाणी के पास करीब 9 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जबकि 83 लाख रुपये का कर्ज भी उन पर था। उनके पास उस समय ₹2,10,233 नकद और बैंक में ₹74,93,158 जमा थे। इसके अलावा, उन्होंने शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में भी निवेश किया हुआ था।
जहां तक पेंशन की बात है, भारत में पूर्व मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को अलग से पेंशन नहीं दी जाती। वे केवल विधायक या सांसद के रूप में पेंशन के पात्र होते हैं। गुजरात में पूर्व विधायकों को पेंशन नहीं मिलती, हालांकि इसको लेकर लंबे समय से मांग चल रही है। चूंकि विजय रूपाणी पूर्व राज्यसभा सांसद भी थे, इसलिए उन्हें ₹31,000 प्रति माह की सांसद पेंशन मिल रही थी, जो अब उनके आश्रितों को मिल सकती है।