
2 जुलाई 2025 को देशभर में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। निवेशकों और आभूषण खरीदारों के लिए यह एक अहम जानकारी है, क्योंकि लगातार बढ़ती कीमती धातुओं की कीमतों के बीच यह गिरावट एक राहत की खबर बनकर सामने आई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 24 कैरेट सोना ₹173 सस्ता होकर ₹97,257 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी की कीमतों में ₹1,063 की बड़ी गिरावट आई है, जिससे इसकी कीमत ₹1,05,900 प्रति किलो रह गई है।
सोने-चांदी के आज के ताज़ा रेट
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक़ आज देशभर में 24 कैरेट सोने का दाम ₹97,257 प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया, जो पिछले कारोबारी दिन की तुलना में ₹173 कम है। मंगलवार यानी 1 जुलाई को इसका रेट ₹97,430 था।
वहीं चांदी की बात करें, तो इसका भाव ₹1,06,963 प्रति किलो से गिरकर आज ₹1,05,900 प्रति किलो रह गया है। यानी इसमें ₹1,063 की गिरावट आई है। यह गिरावट उस समय देखने को मिल रही है जब कुछ ही दिन पहले चांदी ₹1,09,550 प्रति किलो के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई थी (18 जून 2025 को)। इसी दिन सोने ने भी ₹99,454 प्रति 10 ग्राम का उच्चतम स्तर छुआ था।
देश के प्रमुख शहरों में सोने के दाम
आज की तारीख़ में भारत के अलग-अलग महानगरों में सोने की कीमतें थोड़ी-बहुत अलग हैं, जो टैक्स, डिमांड और स्थानीय सर्राफा बाजार पर निर्भर करती हैं।
शहर 24 कैरेट सोना (10 ग्राम) 22 कैरेट सोना (10 ग्राम)
दिल्ली ₹99,040 ₹90,800
मुंबई ₹98,890 ₹90,650
कोलकाता ₹98,890 ₹90,650
चेन्नई ₹98,890 ₹90,650
भोपाल ₹98,940 ₹90,700
इससे यह स्पष्ट है कि भोपाल, दिल्ली और दक्षिण भारत में भी दाम लगभग एक समान हैं, लेकिन छोटे अंतर के साथ। इन दामों में दैनिक उतार-चढ़ाव आता है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव, डॉलर-रुपया विनिमय दर, और घरेलू डिमांड पर आधारित होता है।
क्यों गिर रहे हैं सोने-चांदी के दाम?
1.डॉलर इंडेक्स में मजबूती
जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोना और चांदी जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में गिरावट आती है। विदेशी निवेशक सोने की बजाय डॉलर में निवेश करना बेहतर मानते हैं।
2.फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति
हाल ही में अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा संकेत दिए गए हैं कि ब्याज दरों में निकट भविष्य में कोई बड़ी कटौती नहीं होगी। इससे निवेशकों की सोच में बदलाव आया है और उन्होंने सोने से पैसा निकालकर दूसरे विकल्पों की तरफ रुख किया है।
3.चीन और यूरोप की मांग में सुस्ती
वैश्विक स्तर पर चीन और यूरोपीय देशों में सोने-चांदी की मांग में कमी आई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर दबाव पड़ा है।
4.घरेलू बाजार में त्योहारी मांग की कमी
जुलाई-अगस्त आमतौर पर सोने की मांग के लिहाज़ से सुस्त समय होता है। नवरात्र, धनतेरस और दिवाली के आसपास ही खरीदारी जोरों पर होती है। फिलहाल मांग में ठहराव है, जिससे कीमतों पर दबाव बन रहा है।
अब तक कितना महंगा हो चुका है सोना?
साल 2025 की शुरुआत यानी 1 जनवरी को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹76,162 प्रति 10 ग्राम थी। आज यानी 2 जुलाई को यह ₹97,257 हो चुकी है। यानी सिर्फ 6 महीनों में ₹21,095 की तेजी आई है।
वहीं चांदी की बात करें तो 1 जनवरी को इसकी कीमत ₹86,017 प्रति किलोग्राम थी, जो अब ₹1,05,900 तक पहुंच चुकी है। यानी इसमें ₹19,883 की बढ़त देखी गई है।
पिछले साल की तुलना में तेजी
2024 में पूरे साल सोने की कीमत में ₹12,810 की बढ़त देखी गई थी, जबकि 2025 के पहले छह महीने में ही यह आंकड़ा पार हो गया है। इससे साफ है कि इस साल कीमती धातुओं में निवेश करने वालों को अच्छा रिटर्न मिला है।
निवेश के नजरिए से क्या करें?
अगर आप निवेश के तौर पर सोना-चांदी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा गिरावट आपके लिए एक अवसर हो सकता है। हालांकि, लंबी अवधि में रिटर्न की गारंटी बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि सोने की कीमतें 2025 के अंत तक ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जा सकती हैं, लेकिन यह पूरी तरह वैश्विक और घरेलू आर्थिक हालात पर आधारित होगा।
सोना खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखें?
- BIS हॉलमार्क वाला गोल्ड ही खरीदें
हमेशा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रमाणित हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें। इसमें शुद्धता की गारंटी होती है।
- HUID नंबर जांचें
हॉलमार्क वाले सोने पर एक 6 अंकों का HUID (Hallmark Unique Identification Number) होता है। यह अल्फान्यूमेरिक होता है जैसे AZ45241। यह कोड सोने की वैधता और ट्रैकिंग सुनिश्चित करता है।
- इनवॉयस और पर्ची लें
गोल्ड खरीदते समय विक्रेता से बिल जरूर लें जिसमें रेट, वजन, हॉलमार्क और मेकिंग चार्ज स्पष्ट रूप से लिखे हों।
क्या सोना निवेश के लिए सुरक्षित विकल्प है?
सोना सदियों से एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता रहा है। जब शेयर बाजार या अन्य परिसंपत्तियों में अस्थिरता आती है, तब निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। यह मुद्रास्फीति से सुरक्षा प्रदान करता है और दीर्घकालीन संपत्ति निर्माण का माध्यम बनता है।
हालांकि निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो में सोने का हिस्सा 10-15% से अधिक न रखें और इसे फिजिकल गोल्ड के बजाय डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे साधनों से खरीदना अधिक लाभकारी हो सकता है।
2 जुलाई 2025 को सोने-चांदी की कीमतों में आई गिरावट निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए एक राहत की खबर हो सकती है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है और लंबे समय में कीमतों में फिर से तेजी देखी जा सकती है। इस समय अगर आप आभूषण या निवेश के लिए सोना-चांदी खरीदना चाहते हैं तो यह अच्छा अवसर हो सकता है, बशर्ते आप शुद्धता की जांच और सही दस्तावेज़ों के साथ खरीदारी करें।