
अहमदाबाद। 18 साल का लंबा इंतजार, अनगिनत उम्मीदें और असंख्य सपने आखिरकार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने अपने नाम पहला IPL खिताब कर लिया। फाइनल में विराट कोहली की अगुआई वाली बेंगलुरु टीम ने पंजाब किंग्स को रोमांचक मुकाबले में 6 रन से हराकर इतिहास रच दिया। 191 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही पंजाब की टीम 184 रन पर सिमट गई। जैसे ही जीत मिली, विराट कोहली घुटनों पर बैठ गए और भावनाओं में बहकर रोने लगे।
मैच का नायक कौन रहा?
विराट कोहली ने 35 गेंदों पर 43 रन बनाकर पारी को संभालने का काम किया। ये पारी तेज नहीं थी, लेकिन टीम को शुरुआती झटकों से बचा गई।
कुणाल पंड्या ने अपनी फिरकी से कमाल कर दिया।

उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 17 रन देकर 2 विकेट झटके, जिनमें जोश इंग्लिस का बड़ा विकेट भी शामिल था।
भुवनेश्वर कुमार ने भी डेथ ओवर्स में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 2 विकेट लिए और पंजाब की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
कैसे हारा पंजाब?
1. ओस ने नहीं दिया साथ: पिछले मैच में ओस ने बल्लेबाजों को मदद दी थी, लेकिन फाइनल में वैसा कुछ नहीं हुआ। RCB के स्पिनर्स ने इसका पूरा फायदा उठाया।
2. टॉप ऑर्डर का फ्लॉप शो: प्रभसिमरन और नेहल वाघेरा जैसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ दबाव नहीं झेल पाए और धीमी पारियां खेल बैठे। इन दोनों की 40 गेंदों पर 41 रन की साझेदारी ही हार की सबसे बड़ी वजह बनी।
मैच का टर्निंग पॉइंट
10वें ओवर में पंजाब के कप्तान श्रेयस अय्यर केवल 1 रन बनाकर आउट हो गए। वहीं 13वें ओवर में कुणाल ने जोश इंग्लिस को 39 रन पर चलता किया। यहीं से मैच पूरी तरह बेंगलुरु की तरफ झुक गया।
विराट के लिए भावनाओं से भरी रात

जैसे ही जीत मिली, विराट कोहली मैदान पर बैठ गए और रोने लगे। उनकी आंखों में 18 साल की मेहनत, आलोचनाएं और असफलताओं का भार उतरता दिखाई दिया। साथी खिलाड़ी उन्हें उठाने आए, फैंस खुशी से झूम उठे। अनुष्का शर्मा और एबी डिविलियर्स भी इस जश्न में शामिल हुए।
RCB की ऐतिहासिक जीत

इस जीत के साथ RCB IPL की आठवीं अलग-अलग चैंपियन टीम बन गई। इससे पहले CSK और मुंबई इंडियंस 5-5 बार, KKR 3 बार, राजस्थान, डेक्कन चार्जर्स, सनराइजर्स हैदराबाद और गुजरात एक-एक बार खिताब जीत चुके हैं।
विराट कोहली – 11 महीने में तीसरा खिताब
इस साल विराट के लिए खास रहा है। WTC फाइनल, एशिया कप और अब IPL – 11 महीनों में विराट कोहली के नाम तीसरी बड़ी ट्रॉफी जुड़ गई है।यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं है – यह इंतजार, भरोसा और जुनून की जीत है। RCB फैन्स को अब कहने का मौका मिल गया है – ‘ई साल कप नामदे!’
यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं है – यह इंतजार, भरोसा और जुनून की जीत है। RCB फैन्स को अब कहने का मौका मिल गया है – ‘ई साल कप नामदे!