4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत का जश्न देखने के लिए लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी। गेट नंबर 1 पर अचानक हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई। यह सभी लोग RCB की पहली IPL ट्रॉफी के जश्न का हिस्सा बनने आए थे। लेकिन जश्न अब सवालों के घेरे में है — जिम्मेदार कौन?

इस दौरान RCB की टीम विधानसभा में मौजूद थी, जहां कर्नाटक सरकार द्वारा उनका सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। कार्यक्रम खत्म हो गया, लेकिन पीछे रह गया एक सवाल: इतनी बड़ी त्रासदी की जिम्मेदारी किसकी है?
5 बड़े नाम, जो इस हादसे के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं:
1. शेखर एम. टेकाजवर (DCP, Bengaluru Central)
चिन्नास्वामी स्टेडियम और विधानसभा दोनों बेंगलुरु सेंट्रल में हैं। DCP शेखर टेकाजवर के पास लॉ एंड ऑर्डर, ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण की पूरी जिम्मेदारी थी। RCB मैनेजमेंट ने सुबह सोशल मीडिया पर विक्ट्री परेड की घोषणा कर दी थी, लेकिन न तो इसकी पुष्टि पुलिस ने की और न ही कोई सुरक्षा प्लान साझा किया गया। न परमिशन का जिक्र, न कोई crowd control प्लान।
सवाल:अगर अनुमति दी थी, तो सुरक्षा इंतजाम कहां थे?अगर नहीं दी थी, तो भीड़ को ये बताने के लिए कोई सूचना क्यों नहीं जारी की गई?
2. जगदीशा जी. (DM, Bengaluru)
DM के तौर पर उनकी जिम्मेदारी थी कि वे RCB मैनेजमेंट और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन से समन्वय करके पूरे आयोजन की योजना तय करते।अगर DM ने स्टेडियम से एयरपोर्ट तक की रूटमैप, ट्रैफिक गाइडलाइन और भीड़ नियंत्रण प्लान जारी किया होता, तो जनता को स्थिति का अंदाजा रहता।
चूक: कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं हुई कि परेड होगी या नहीं। लाखों लोग परेड देखने पहुंचे, पर वहां सिर्फ भगदड़ मिली।
3. डॉ. जी. परमेश्वर (गृह मंत्री, कर्नाटक)
भगदड़ को लेकर सबसे बड़ी जिम्मेदारी गृह मंत्रालय पर जाती है।पूर्व DGP विक्रम सिंह ने कहा, “यह पुलिस की पूरी तरह से लापरवाही का मामला है। कम समय मिलना कोई बहाना नहीं है। पुलिस को अनुमान लगाना चाहिए था और रिजर्व फोर्स तैनात करनी चाहिए थी।”
विडंबना: जब भीड़ बढ़ी, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ और भयानक हो गई।
4. डी. के. शिवकुमार (डिप्टी CM, कर्नाटक)
RCB की जीत को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित नेता डिप्टी सीएम डी. के. शिवकुमार थे।शाम करीब 3 बजे वो खुद एयरपोर्ट पहुंचे RCB खिलाड़ियों का स्वागत करने। 3:30 बजे उन्होंने सोशल मीडिया पर फोटो भी शेयर की।
गंभीर बात: शहर की अलग-अलग एजेंसियों की जिम्मेदारी उनके अधीन है। बावजूद इसके, कोई ठोस समन्वय नज़र नहीं आया।
5. RCB मैनेजमेंट और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन
RCB ने सोशल मीडिया पर बिना सरकारी पुष्टि के परेड की घोषणा कर दी।किसी भी बड़े आयोजन से पहले पुलिस और प्रशासन की अनुमति जरूरी होती है, पर यहां सब कुछ उल्टा हुआ — पहले एलान, बाद में अफरातफरी।
सवाल जो अब भी जवाब मांगते हैं:
1. जब स्टेडियम की क्षमता 40,000 है, तो 3 लाख की भीड़ कैसे जुटने दी गई?

2. क्या किसी ने अनुमान नहीं लगाया कि IPL जीत के बाद कितनी भीड़ जुटेगी?
3. बैरिकेडिंग और डायवर्जन क्यों नहीं किए गए?
4. CCTV और ड्रोन मॉनिटरिंग कहां थी?
मुख्यमंत्री ने माना प्रशासन की चूक
CM सिद्धारमैया ने कहा, “जब RCB विधानसभा पहुंची, तब बाहर लाखों लोग जमा थे।
हमें इतनी भीड़ की उम्मीद नहीं थी।”लेकिन सवाल है — क्या सरकार को IPL जीत के बाद इतनी भीड़ का अंदाजा नहीं होना चाहिए था

निष्कर्ष:RCB की ऐतिहासिक जीत अब दर्द और सवालों में उलझ गई है। 11 लोगों की जान चली गई और जिम्मेदार संस्थाएं एक-दूसरे पर दोष मढ़ रही हैं। सवाल सिर्फ जवाब नहीं, इंसाफ मांगते हैं।