फतेहाबाद (हरियाणा) के रतनगढ़ गांव में दिवाया राम अपने परिवार के साथ रहते हैं और आइसक्रीम बेचकर जीवन यापन कर रहे हैं। कभी पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो सरकार के दौरान सांसद रहे दिवाया राम, आज भारत में स्थायी रूप से बसने की उम्मीद में हैं।
25 साल पहले भारत आए थे, हिंदुओं पर अत्याचार से परेशान होकर
दिवाया राम का परिवार 25 साल पहले पाकिस्तान में हो रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों से परेशान होकर भारत आया था। तब वे टूरिस्ट वीजा पर आए थे। आज उनके परिवार के सभी सदस्यों के पास भारत के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज हैं, और जल्द ही उन्हें भारतीय नागरिकता मिलने की उम्मीद है।
सांसद पद से इस्तीफा देकर भारत आने का फैसला
दिवाया राम बताते हैं कि पाकिस्तान की संसद में अल्पसंख्यकों के लिए कुछ सीटें आरक्षित थीं, जिसके चलते 1989 में वे सांसद बने। लेकिन सांसद बनने के बाद भी वे अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार रोकने में असमर्थ रहे। एक लड़की के अपहरण की घटना ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया और उन्होंने जल्द ही सांसद पद से इस्तीफा दे दिया।
एक महीने के वीजा पर आए, धीरे-धीरे परिवार बढ़ा
साल 2000 में दिवाया राम अपने परिवार के साथ भारत आए। उनके पास केवल एक महीने का वीजा था, जिसे बाद में कई बार बढ़वाया गया। 2018 तक वीजा पहले हर साल, फिर 5-5 साल के लिए रिन्यू होता रहा।
भारत आने पर वे सबसे पहले रोहतक के मदीना गांव में बसे। फिर 2008 में फतेहाबाद जिले के रतिया क्षेत्र के रतनगढ़ गांव आ गए। यहाँ उन्होंने अपने बच्चों की शादी भी करवाई। उनके परिवार में अब लगभग 30 सदस्य हैं।
पाकिस्तान में बची है पुश्तैनी ज़मीन
दिवाया राम बताते हैं कि पाकिस्तान के बखर जिले की दरियापुर तहसील के पंचगिरेह इलाके में उनके दादा की 25 एकड़ जमीन आज भी है।
आजीविका के लिए आइसक्रीम बेचते हैं, बेटे गौशाला में करते हैं सेवा
भारत आने के बाद दिवाया राम ने आइसक्रीम बेचने का काम शुरू किया। उनके बेटे गौशालाओं में गोसेवा और चौकीदारी का कार्य कर रहे हैं।
नागरिकता प्रक्रिया जारी, कुछ को मिल भी गई है नागरिकता
फतेहाबाद के एसपी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि जिले में कुछ पाकिस्तानी परिवार रह रहे हैं, जिन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। जांच प्रक्रिया जारी है और नियमों के अनुसार फिलहाल किसी को पाकिस्तान नहीं भेजा जाएगा। दिवाया राम के परिवार में से दो महिलाओं समेत छह लोगों को नागरिकता मिल चुकी है, जबकि बाकी सदस्यों के आवेदन प्रक्रिया में हैं।
अगर मौका मिला, तो पाकिस्तान के खिलाफ हथियार उठाऊंगा: दिवाया राम
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिवाया राम फिर से चर्चा में आए। 80 वर्षीय दिवाया राम कहते हैं, “हम भारत में ही अपना बाकी जीवन बिताना चाहते हैं। अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने का मौका मिला, तो मैं सबसे पहले हथियार उठाऊंगा।”