भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 48 घंटों में प्रदेश के कई जिले जलमग्न हो गए हैं, नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पुल-पुलियाएं टूटने की खबरें सामने आ रही हैं। छतरपुर, टीकमगढ़, अशोकनगर, ग्वालियर, सीधी और अन्य जिलों से आई तस्वीरें बाढ़ की भयावहता को दर्शा रही हैं। शनिवार और रविवार को प्रदेशभर में तेज बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
छतरपुर में कहर: रनगुवां बांध के खुले गेट, नदी में बही पिकअप; एक की मौत

छतरपुर जिले में शनिवार को भारी बारिश के बाद रनगुवां बांध के 15 गेट खोल दिए गए। बांध से पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बमीठा थाना क्षेत्र में स्थित इस बांध से निकलने वाला पानी आस-पास की छोटी नदियों और गांवों में भर गया, जिससे लोगों को पलायन करना पड़ा।
इसी बीच, मसान नदी में एक पिकअप वाहन बह गया, जिसमें तीन लोग सवार थे। स्थानीय लोगों की मदद से दो लोग शीशा तोड़कर किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान कृष्ण विश्वकर्मा के रूप में हुई है।
खजुराहो में टूटा पुल, देवगांव-देवरा मार्ग ठप
खजुराहो के पास देवगांव-देवरा मार्ग पर बना पुल रविवार को टूट गया, जिससे इस क्षेत्र में यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। पुल टूटने के कारण पक्षा की ओर जाने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गई। वहीं, बिजली के 6 खंभे बह जाने से आसपास के कई गांवों की बिजली सप्लाई भी बाधित हो गई है।
टीकमगढ़ में स्कूल, कॉलोनियों में पानी, सड़कें जलमग्न

टीकमगढ़ जिले में भीषण बारिश के चलते हनुमान सागर तालाब ओवरफ्लो हो गया है, जिससे पुराने टिहरी रोड पर बने पुल की दीवार गिर गई। शहर के वार्ड नंबर 20 की शक्ति कॉलोनी में करीब 3 फीट तक पानी भर गया है। कई घरों और स्कूलों में पानी घुस गया, जिससे विद्यार्थियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
जगद्वार नदी के उफान पर होने से टीकमगढ़-ललितपुर रोड पूरी तरह बंद हो चुका है। वहीं नवोदय विद्यालय की कैंटीन और कक्षाओं में भी पानी भर गया है।
अशोकनगर में मंडी जलमग्न, कार डूबी
अशोकनगर जिले के आरोन कस्बे में सब्जी मंडी परिसर में करीब 4 फीट तक पानी भर गया है, जिससे दुकानों में रखी सब्जी और अन्य सामान बह गया। पिपरई क्षेत्र के देसाईखेड़ा गांव में एक कार तेज बहाव में गिर गई थी। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए कार में सवार तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
इसके अलावा कतराई पुल पर 2 से 3 फीट पानी भरने के कारण अशोकनगर-पिपरई मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है। सावन गांव की पुलिया पर भी पानी बह रहा है, जिससे राजपुर-अशोकनगर संपर्क मार्ग टूट गया है।
ग्वालियर में तिघरा डैम खतरे के निशान पर
ग्वालियर जिले में तिघरा डैम का जलस्तर रविवार को 737.25 फीट तक पहुंच गया, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 738 फीट है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि यदि बारिश जारी रही तो डैम के गेट कभी भी खोले जा सकते हैं। इससे सांक नदी का जलस्तर बढ़ेगा, जिसके चलते नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। तिघरा, कैथा, सालपुरा, महिदपुर, पृथ्वीपुर सहित 10 गांवों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
मुरैना में भी अलर्ट, नदी किनारे बसे गांवों को सतर्क किया गया
मुरैना जिले के पहाड़ी, जखौदा और पाम बालमारे गांवों को अलर्ट किया गया है। प्रशासन ने नदी के किनारे जाने से मना किया है क्योंकि लगातार बारिश से छोटे बांध और नदियां उफान पर हैं।
सीधी में 4 करोड़ की लागत से बना पुल 10 दिन में ढहा

सीधी जिले के रामपुर नैकिन तहसील अंतर्गत बधवार गांव में 4 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल महज 10 दिन में क्षतिग्रस्त हो गया। रविवार सुबह 9 बजे पुल के बीचोंबीच करीब 7 फीट गहरा गड्ढा बन गया और किनारों पर दरारें पड़ गईं। पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-39 का हिस्सा है, जो रीवा, सतना, शहडोल और सीधी को जोड़ता है।
घटना के समय स्कूली बच्चे और बाइक सवार पुल पार कर रहे थे, लेकिन समय रहते लोगों ने खतरे को भांपकर आवाजाही रोक दी। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। SDM शैलेश द्विवेदी ने मौके पर पहुंचकर जांच के आदेश दिए हैं और ठेकेदार को तत्काल मरम्मत शुरू करने के निर्देश दिए।
श्योपुर में बहाव में बस ले जाने की कोशिश, टला बड़ा हादसा

श्योपुर जिले के बौरपुर में NH-552 पर करीब 4 फीट पानी बह रहा था। इसी दौरान एक बस चालक ने बहाव में बस ले जाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों के सतर्क होने से बड़ा हादसा टल गया।
मौसम विभाग का अलर्ट: 19 जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी
रविवार को मौसम विभाग ने 19 जिलों में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 24 घंटे के भीतर 8 इंच तक बारिश हो सकती है। अलर्ट जिलों में शामिल हैं:
ग्वालियर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, बैतूल, हरदा, खंडवा, खरगोन, धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच और मंदसौर।
इसके अलावा 22 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जिनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, दतिया, बालाघाट, सतना शामिल हैं।
भारी बारिश से अब तक के नुकसान
छतरपुर: नदी में पिकअप बहने से एक की मौत
सीधी: 4 करोड़ का पुल 10 दिन में ढहा
अशोकनगर: सब्जी मंडी में 4 फीट पानी, सब्जी बह गई
टीकमगढ़: कॉलोनी और स्कूलों में 3 फीट तक पानी
ग्वालियर: डैम खतरे के निशान पर
श्योपुर: पानी में बस उतारने का प्रयास, बड़ा हादसा टला
प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य
प्रदेश सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को सतर्क रहने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। SDRF और NDRF की टीमें कई जिलों में तैनात की गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में नावों और हेलिकॉप्टर से भी रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आपात बैठक कर सभी जिला प्रशासन से पल-पल की अपडेट मांगी है और कहा है कि “एक भी जान नहीं जानी चाहिए, हम हर संसाधन लगाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं।”