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ईरान का ‘अजेय’ एटमी प्लांट: फोर्डोलोकेशन: ईरान की पहाड़ियों के नीचे, ज़मीन से 295 फीट नीचे – एक ऐसी जगह जिसे तबाह करना आसान नहीं।

डिज़ाइन:
फोर्डो यूरेनियम एनरिचमेंट प्लांट को इस तरह बनाया गया है कि हवाई हमले भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा सकते। इसमें 5 सुरंगों के ज़रिए बंकरनुमा सुविधा है। यह प्लांट 54,000 वर्ग फीट में फैला हुआ है।

तकनीक:


3,000 IR-1 सेंट्रीफ्यूज

1,044 सेंट्रीफ्यूज JCPOA के लिए

अब IR-6 टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल

IAEA के अनुसार 83.7% शुद्ध यूरेनियम उत्पादन – हथियार बनाने की क्षमता के करीब।

सुरक्षा:


2016 से रूसी S-300 मिसाइल सिस्टम तैनात।

हमले का एकमात्र तरीका:
अमेरिका के पास ही वो हथियार हैं जो इसे भेद सकते हैं:

GBU-57 “बंकर बस्टर” बम

B-2 स्टेल्थ बॉम्बर


लेकिन एक ही जगह पर बार-बार बम गिराने होंगे — फिर भी गारंटी नहीं!

फोर्डो का सच कब सामने आया?
2009 में पहली बार ज़िक्र हुआ,
2018 में इजराइल ने ईरानी दस्तावेज चुराए – जिससे पता चला कि यहां हर साल 2 न्यूक्लियर हथियार बनाए जा सकते हैं।

इजराइल क्यों चिंतित है?


क्योंकि इस प्लांट का डिज़ाइन सिर्फ शांतिपूर्ण उपयोग के लिए नहीं है।
इसीलिए इसे नष्ट करना इजराइल का लक्ष्य बन चुका है।
क्या खुद इजराइल के पास परमाणु हथियार हैं?
जी हां, 90 से ज्यादा हथियार होने की बात मानी जाती है, मगर वो किसी भी इंटरनेशनल निगरानी में नहीं आते।

अमेरिका और नेतन्याहू


शुरुआत में ट्रम्प हमले के खिलाफ थे, लेकिन नेतन्याहू के दबाव में अमेरिका सैन्य मदद देने पर विचार कर रहा था।

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