
लॉस एंजिलिस, कैलिफोर्निया — अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के विरोध में लॉस एंजिलिस में बीते चार दिनों से जारी हिंसक प्रदर्शन के चलते अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। हालात बिगड़ते देख ट्रम्प प्रशासन ने शहर में अतिरिक्त 2000 नेशनल गार्ड तैनात करने का आदेश दिया है, जिससे कुल संख्या 4000 हो गई है। साथ ही, 700 मरीन कमांडो को भी दक्षिण कैलिफोर्निया के ट्वेंटी नाइन पाम्स बेस से बुलाया गया है।
गवर्नर की मर्ज़ी के बिना कार्रवाई
यह पहली बार है जब किसी राज्य में नेशनल गार्ड गवर्नर की अनुमति के बिना भेजे गए हैं। कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजिलिस की मेयर कैरेन बैस ने इस निर्णय का विरोध किया है। ट्रम्प ने न्यूसम की गिरफ्तारी तक की वकालत की और आरोप लगाया कि वे हालात को काबू करने में विफल रहे हैं।
हिंसा और तोड़फोड़

प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने सैकड़ों गाड़ियां जलाईं, अमेरिकी झंडे का अपमान किया और कई दुकानों में लूटपाट की। रविवार सुबह भीड़ ने पुलिस पर पत्थर और पटाखे फेंके, जबकि ICE और सुरक्षा बलों पर पेट्रोल बम और आंसू गैस के गोले दागे गए। एक स्ट्रिप मॉल और कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया।
पत्रकार को रबर बुलेट लगी
ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार लरिन टोमासी, जो लाइव रिपोर्टिंग कर रही थीं, को पुलिस की ओर से चलाई गई रबर बुलेट टांग में लगी। इस घटना के बाद रिपोर्टर ने बताया कि हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं और पुलिस प्रदर्शनकारियों को सेंट्रल लॉस एंजिलिस से खदेड़ रही है।
ट्रम्प की सख्त नीति
ट्रम्प प्रशासन की डिपोर्टेशन नीति के तहत हर दिन लगभग 3000 अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार करने का लक्ष्य तय किया गया है। ICE, DHS, FBI और DEA ने मिलकर लॉस एंजिलिस में भारी हथियारों और मिलिट्री स्टाइल में छापेमारी की है। अधिकारियों के अनुसार, इन कार्रवाइयों के पीछे कई व्यापारियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल और गैरकानूनी प्रवेश की घटनाएं हैं।
विरोध की लहर

प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी, अप्रवासी समुदाय और मानवाधिकार संगठन शामिल हैं। ‘ICE लॉस एंजिलिस से बाहर जाओ’ जैसे नारे लगाए जा रहे हैं। अब तक 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
नेशनल गार्ड की भूमिका

नेशनल गार्ड आमतौर पर आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा में राज्य सरकारों की मदद करते हैं। पर इस बार उनकी तैनाती सीधे व्हाइट हाउस के आदेश से हुई है।
नोट: ट्रम्प प्रशासन की कार्रवाई को लेकर अमेरिका में गहरी राजनीतिक और सामाजिक बहस छिड़ गई है। आने वाले दिनों में हालात और भी तनावपूर्ण हो सकते हैं।