चंडीगढ़/हिसार। हरियाणा में मानसून ने रविवार को जबरदस्त दस्तक दी, जिससे राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। एक ओर जहां रेवाड़ी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, फतेहाबाद, सिरसा और हिसार जैसे जिले तेज बारिश से तरबतर हो गए, वहीं दूसरी ओर इन इलाकों में जलभराव, ट्रैफिक जाम, फसलों को नुकसान और दुखद हादसों की घटनाएं भी सामने आईं।
बारिश के चलते रेवाड़ी जिले में एक मासूम की जान चली गई। तीन साल का बच्चा खेलते वक्त नाले के लिए खोदे गए गड्ढे में गिर गया और डूबने से उसकी मौत हो गई। जब तक परिवारजन उसे बाहर निकाल पाते, बहुत देर हो चुकी थी।
12 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने 13 जुलाई की शाम तक हरियाणा के 12 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया था। इन जिलों में सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, सोनीपत, पानीपत, करनाल, यमुनानगर, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और पंचकूला शामिल हैं। इन क्षेत्रों में मध्यम से लेकर भारी बारिश की संभावना जताई गई थी।
राज्यभर में हुई मूसलाधार बारिश, कई जगहों पर जलभराव
रेवाड़ी:
रेवाड़ी में रविवार को सुबह से ही तेज बारिश हुई, जिससे शहर की प्रमुख सड़कों और बाजारों में जलभराव हो गया। बावल विधानसभा क्षेत्र में जलभराव की स्थिति का जायजा लेने खुद विधायक डॉ. कृष्ण कुमार प्रभावित इलाकों में पहुंचे। रेवाड़ी के जिमखाना क्लब तक में बारिश का पानी घुस गया, जिससे वहां मौजूद इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फर्नीचर खराब हो गए।
फरीदाबाद:
फरीदाबाद में सुबह बारिश के बाद कुछ देर के लिए धूप निकली, जिससे उमस बढ़ गई थी। लेकिन शाम होते ही तेज बारिश के साथ ठंडी हवाएं चलने लगीं, जिससे मौसम सुहावना हो गया। बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई।
गुरुग्राम:

गुरुग्राम में तेज बारिश से हाई-राइज सोसाइटियों के बेसमेंट में पानी भर गया। कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। खासतौर पर गोल्फ कोर्स रोड और सोहना रोड पर लंबा ट्रैफिक लगा रहा।
हिसार:
हिसार जिले में भी बारिश का असर गंभीर रहा। आदमपुर की तहसील में पानी भर गया, जिससे पूरा प्रशासनिक परिसर जलमग्न हो गया। हांसी कस्बे में सड़कों पर पानी जमा होने से वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ ने बारिश से प्रभावित 6 गांवों का दौरा कर हालात की समीक्षा की और लोगों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन जल्द राहत कार्य शुरू करेगा।
फतेहाबाद:
फतेहाबाद जिले के भट्टू क्षेत्र और जाखल कस्बे में दोपहर बाद जोरदार बारिश हुई। गलियों और बाजारों में पानी भर गया। जल निकासी व्यवस्था के अभाव के चलते स्थानीय लोग परेशान रहे।

झज्जर और बहादुरगढ़:
झज्जर में भी बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं। बहादुरगढ़ में बारिश के चलते कई गलियां लबालब हो गईं। लोगों ने सोशल मीडिया पर जलभराव की तस्वीरें शेयर करते हुए नगर परिषद पर लापरवाही के आरोप लगाए।
अंबाला और पंचकूला:
अंबाला में दोपहर बाद तेज बारिश हुई, लेकिन यह ज्यादा देर नहीं टिकी। करीब 15-20 मिनट की बारिश के बाद मौसम खुल गया और लोगों को गर्मी से राहत मिली। वहीं पंचकूला में बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश होती रही।
नूंह:
नूंह में सुबह बारिश के बाद घने बादल छा गए। यहां के ग्रामीण इलाकों में जलभराव की खबरें सामने आईं हैं।

रेवाड़ी में मासूम की डूबने से मौत
सबसे दर्दनाक खबर रेवाड़ी से सामने आई, जहां एक तीन वर्षीय बच्चा नाले के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरकर डूब गया। यह हादसा उस वक्त हुआ जब वह बच्चा खेलते-खेलते गड्ढे के पास पहुंच गया और संतुलन बिगड़ने से गिर पड़ा। स्थानीय लोगों ने जब तक उसे बाहर निकाला, तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।
परिजनों का कहना है कि नगरपालिका की ओर से गड्ढा खोदने के बाद कोई चेतावनी या सुरक्षा उपाय नहीं किए गए थे। अब परिजन प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
41% ज्यादा बारिश, सबसे अधिक वर्षा यमुनानगर में
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU), हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में औसतन 150.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, जबकि सामान्य औसत 106.7 मिमी होता है। यानी अब तक प्रदेश में 41% अधिक वर्षा हो चुकी है।
यमुनानगर: 352.1 मिमी (राज्य में सर्वाधिक) कैथल, करनाल, अंबाला, कुरुक्षेत्र: सामान्य से अधिक वर्षा नूंह, मेवात, महेंद्रगढ़: अपेक्षाकृत कम वर्षा, लेकिन अगले 48 घंटे में हल्की बारिश की संभावना
तापमान में भी गिरावट, उमस से राहत
लगातार हो रही बारिश के चलते हरियाणा में दिन के तापमान में औसतन 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। शनिवार को जहां तापमान 34-35 डिग्री के आसपास था, वहीं रविवार को यह घटकर 31-32 डिग्री रह गया। इससे लोगों को उमस और गर्मी से काफी हद तक राहत मिली है।
फसलों को नुकसान का खतरा
बारिश का असर कृषि क्षेत्र पर भी दिखाई देने लगा है। हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और झज्जर के कई क्षेत्रों में धान की फसल जलभराव में डूब गई है। किसान चिंतित हैं कि यदि बारिश और जलभराव ऐसे ही जारी रहा तो बुवाई और फसल विकास प्रभावित हो सकता है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि 2-3 दिन में पानी की निकासी नहीं हुई तो फसलों को भारी नुकसान हो सकता है, खासकर धान, कपास और सब्जियों की फसलें सबसे अधिक प्रभावित होंगी।
प्रशासन सतर्क, रेस्क्यू और राहत कार्य जारी
हरियाणा के सभी जिलों में जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। NDRF और स्थानीय आपदा प्रबंधन टीमें जलभराव वाले इलाकों में पहुंच रही हैं। पंपों के जरिए पानी निकासी का काम किया जा रहा है। विधायक और पार्षद स्तर के जनप्रतिनिधि भी खुद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश जारी हुए हैं कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्राथमिकता यह है कि किसी भी कीमत पर जान-माल की हानि न हो।