भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट मुकाबले में टीम इंडिया को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 22 रन से हार का सामना करना पड़ा। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में अब इंग्लैंड 2-1 से आगे हो चुका है। यह मुकाबला बेहद रोमांचक रहा लेकिन आखिरी दिन भारत की बल्लेबाजी लड़खड़ा गई और 193 रनों के आसान से लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम केवल 170 रन ही बना सकी।
इस हार ने न सिर्फ सीरीज के समीकरण को बदला, बल्कि भारतीय टीम की रणनीति, बल्लेबाजी क्रम और खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस पर भी कई सवाल खड़े कर दिए। आइए जानते हैं भारत की इस हार के पीछे के 5 बड़े कारणों को विस्तार से, जिनके चलते एक लगभग जीता हुआ मैच भारत की मुट्ठी से फिसल गया।
1.टॉप ऑर्डर का फ्लॉप शो और जडेजा-राहुल पर अत्यधिक निर्भरता
लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की हार का सबसे बड़ा कारण रहा टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन। पिछले दोनों टेस्ट में यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल ने अच्छी पारियां खेली थीं, लेकिन इस बार ये दोनों पूरी तरह फ्लॉप रहे।

जायसवाल ने दोनों पारियों में मिलाकर सिर्फ 15 गेंदें ही खेलीं और शून्य पर आउट हो गए। वहीं शुभमन गिल ने 6 और 13 रन बनाए।
करुण नायर, जिन्हें तीसरे टेस्ट में मौका दिया गया था, वो भी 40 और 16 रन बनाकर आउट हो गए। इन सबके खराब प्रदर्शन के चलते टीम को एक बार फिर केएल राहुल, ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा पर निर्भर होना पड़ा। राहुल ने पहली पारी में शतक (100 रन) और दूसरी पारी में 39 रन बनाए, जबकि पंत ने 74 और जडेजा ने क्रमशः 72 और 61 रनों की उपयोगी पारियां खेलीं।
हालांकि, इन तीनों को बाकी बल्लेबाजों का साथ नहीं मिल पाया। खासकर लोअर ऑर्डर का पूरी तरह से फ्लॉप हो जाना टीम के लिए बड़ा झटका साबित हुआ।
2.लोअर ऑर्डर की नाकामी: जीत के करीब आकर लड़खड़ा गई टीम
एक टेस्ट मैच जीतने के लिए केवल टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर ही नहीं, बल्कि लोअर ऑर्डर से भी योगदान की आवश्यकता होती है। भारत की पहली पारी में टीम का स्कोर एक समय 376/6 था, लेकिन इसके बाद टीम ने केवल 11 रन के अंदर अपने बाकी चार विकेट गंवा दिए।
दूसरी पारी में जब भारत को जीत के लिए 193 रनों की जरूरत थी, तब टॉप और मिडिल ऑर्डर के फेल होने के बाद उम्मीद थी कि निचले क्रम के बल्लेबाज कोई चमत्कार करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वॉशिंगटन सुंदर और यशस्वी जायसवाल खाता भी नहीं खोल पाए, नायर 14 रन, शुभमन 6 रन, पंत 9 रन और नीतीश रेड्डी 13 रन बनाकर आउट हो गए।
चौथे दिन के अंत तक भारत का स्कोर 58/4 हो गया था और पांचवें दिन की सुबह केवल 24 रन जोड़ने में ही 3 और विकेट गिर गए। जब स्कोर 112 रन पहुंचा, तब आठवां विकेट गिर गया और वहीं से भारत की हार तय हो गई।
3.लॉर्ड्स की पिच: हर दिन मुश्किल होती पिच ने तोड़ी बल्लेबाजों की हिम्मत
लॉर्ड्स की पिच भी इस टेस्ट मैच में एक बड़ा फैक्टर साबित हुई। पहले दिन इस पिच पर 251 रन बने और सिर्फ 4 विकेट गिरे। यानी लगभग 63 रन प्रति विकेट की औसत। लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच का व्यवहार बदलता गया। दूसरे दिन औसत गिरकर 31, तीसरे दिन 35, और चौथे दिन महज 18 रन प्रति विकेट हो गया।
चौथे दिन इंग्लैंड ने अपने 10 विकेट और भारत ने 4 विकेट गंवाए। पांचवें दिन भारत ने 54 रन बनाते-बनाते 4 विकेट गंवा दिए। आखिरी दिन की औसत महज 14 रन प्रति विकेट रही।
यह आंकड़ा साफ बताता है कि पिच बल्लेबाजी के लिए बेहद कठिन हो चुकी थी। स्विंग और बाउंस हर दिन बढ़ता जा रहा था। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और इसका पूरा फायदा उठाया।
4.जोफ्रा आर्चर की वापसी और स्टोक्स की गेंदबाजी

इस मुकाबले में जोफ्रा आर्चर ने टेस्ट क्रिकेट में चार साल बाद धमाकेदार वापसी की। उन्होंने पहली पारी में अपने पहले ही ओवर में यशस्वी जायसवाल को आउट कर भारत को झटका दिया। उन्होंने 23.2 ओवर में 6 मेडन फेंके और 2.22 की इकॉनमी से सिर्फ 2 विकेट ही नहीं लिए, बल्कि भारतीय बल्लेबाजों को रन बनाने से भी रोके रखा।
दूसरी पारी में तो आर्चर ने कमाल कर दिया। उन्होंने एक बार फिर जायसवाल को आउट किया और पंत को बोल्ड किया। सुंदर का कैच भी उन्होंने खुद लपका।
उनके साथ कप्तान बेन स्टोक्स ने भी शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने 24 ओवर में महज 48 रन देकर 3 विकेट लिए। इस तरह दोनों गेंदबाजों ने मिलकर भारत की दूसरी पारी को ढहाने में बड़ी भूमिका निभाई।
5.इंग्लैंड का लोअर ऑर्डर और भारत की एक्स्ट्रा रन लुटाना
जब भारत की लोअर ऑर्डर पंक्ति पूरी सीरीज में संघर्ष करती नजर आई, वहीं इंग्लैंड ने अपने निचले क्रम के बल्लेबाजों के भरोसे स्कोर को मजबूत बनाया। पहली पारी में इंग्लैंड के 7 विकेट 271 रन पर गिर चुके थे। इसके बाद ब्रायडन कार्स और जैमी स्मिथ ने पारी को संभाला।
कार्स ने 56 रन और स्मिथ ने 51 रन बनाए। दोनों की साझेदारी ने इंग्लैंड को 387 रन तक पहुंचा दिया।
दूसरी तरफ भारत की टीम 6 विकेट गंवाने के बाद केवल 11 रन ही जोड़ सकी। यही अंतर भारत की हार का कारण बना।
इतना ही नहीं, भारत ने इस मैच में 63 एक्स्ट्रा रन दे दिए, जिनमें से कई रन लेग बाय और नो-बॉल की वजह से आए। इंग्लैंड ने सिर्फ 30 एक्स्ट्रा रन दिए। इस तरह अतिरिक्त रनों में भी भारत ने लगभग 33 रन ज्यादा दे दिए — जो एक कम स्कोर वाले मुकाबले में हार और जीत के बीच फर्क पैदा कर सकते हैं।
मैच का सारांश:
पहलू भारत इंग्लैंड
पहली पारी स्कोर 387 376
दूसरी पारी स्कोर 170 193
एक्स्ट्रा रन 63 30
जीत/हार हार – 22 रन जीत
सीरीज स्थिति 1 जीत 2 जीत
टेस्ट सीरीज की स्थिति:
इंग्लैंड ने पहला और तीसरा टेस्ट जीता
भारत ने दूसरा टेस्ट हेडिंग्ले में 336 रन से जीता
अब सीरीज 2-1 से इंग्लैंड के पक्ष में