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भारत में कोरोना की स्थिति: 116 मौतें, 6 हजार के करीब एक्टिव केस

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति चिंता का विषय बन रही है। जनवरी 2025 से अब तक कोविड के नए वैरिएंट के चलते 116 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटे में 507 मरीज ठीक हुए हैं जबकि 40 नए मामले सामने आए हैं। फिलहाल एक्टिव केसों की संख्या घटकर 5,976 रह गई है।

केरल में सबसे ज्यादा केस

केरल में सबसे अधिक 1,309 एक्टिव केस हैं, और वहीं अब तक सबसे ज्यादा 37 मौतें भी हुई हैं। गुजरात में 1,046, पश्चिम बंगाल में 747, और दिल्ली में भी मामलों की संख्या बढ़ रही है। कोरोना के नए वैरिएंट अब देश के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुके हैं।

राज्यवार कोविड अपडेट

उत्तर प्रदेश

राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। अस्पतालों को दवाएं, PPE किट, ऑक्सीजन सिलेंडर, ICU और वेंटिलेटर समेत सभी जरूरी संसाधन तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।

केरल

स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को जून 2023 की कोविड गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए हैं। मास्क अनिवार्य है और जुकाम-बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों की कोविड टेस्टिंग जरूरी कर दी गई है।

कर्नाटक

गुलबर्गा मेडिकल साइंसेज इंस्टीट्यूट में 25 बेड का कोविड वार्ड बनाया गया है, जिसमें ICU, HDU और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष बेड शामिल हैं।

देश में सामने आए कोविड के 4 नए वैरिएंट ICMR के अनुसार, भारत में कोविड के चार नए वैरिएंट मिले हैं:

LF.7

XFG

JN.1

NB.1.8.1

इनमें NB.1.8.1 में कुछ ऐसे म्यूटेशन हैं (A4355, V445H, T478I) जो इसे तेज़ी से फैलने और इम्यूनिटी से बच निकलने में सक्षम बनाते हैं। WHO ने इन वैरिएंट्स को ‘चिंता का कारण नहीं’ माना है लेकिन निगरानी में रखने योग्य बताया है।

JN.1 वैरिएंट: कितना खतरनाक है?

यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्ट्रेन का एक सब-वैरिएंट है। 30 से अधिक म्यूटेशन के कारण यह इम्यूनिटी को कमजोर करता है।

दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘Variant of Interest’ घोषित किया था।

संभावित लक्षण:

गले में खराश, बुखार, नाक बहना स्वाद और गंध की कमी मांसपेशियों में दर्द, उल्टी या दस्त हालांकि यह वैरिएंट गंभीर नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे लंबे समय तक रहने वाले लक्षण (लॉन्ग कोविड) का कारण बन सकता है।

तीन तरह के कोविड टेस्ट

  1. RT-PCR – सबसे विश्वसनीय टेस्ट, जो वायरस की सक्रिय मौजूदगी की पुष्टि करता है।
  2. एंटीजन टेस्ट – त्वरित परिणाम, लेकिन कम सटीक।
  3. एंटीबॉडी टेस्ट – यह दर्शाता है कि क्या किसी को पहले संक्रमण हो चुका है।
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