भारतीय उपकप्तान ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में दोनों पारियों में शतक जड़कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है। वह टेस्ट क्रिकेट में दोनों पारियों में शतक जमाने वाले भारत के पहले विकेटकीपर बल्लेबाज बने। पहली पारी में पंत ने 134 रन बनाए, तो दूसरी में 118 रन जड़े। यह कमाल उन्होंने अपनी मेहनत और बल्लेबाजी में बदलाव के दम पर किया है।
डिफेंस और संयम से गढ़ा इतिहास
पंत के बचपन के कोच देवेंद्र शर्मा बताते हैं कि इंग्लैंड सीरीज़ से पहले पंत लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे और IPL में भी रन कम बने थे, आलोचकों ने उन पर सवाल खड़े कर दिए थे। तब दोनों बैठकर रिव्यू किया गया और यह तय हुआ कि अब टेस्ट में संयम और शॉट सिलेक्शन बेहद जरूरी है।
पंत ने हर रोज़ 2.30 से 3 घंटे डिफेंस और ड्राइव का अभ्यास किया, बाहर जाती गेंदों को छोड़ने और मुश्किल डिलीवरी का सम्मान करने का तरीका सीखा। इंग्लैंड में अपनी आदतों से हटकर खेले और साबित किया कि वह केवल एक ही अंदाज़ में नहीं खेलते। पहले हर गेंद को मारने की आदत अब संयम में बदलने लगी है। पंत अब खराब गेंदों को सजा देते हैं और अच्छी गेंदों का सम्मान करना सीख गए हैं।
मुश्किल वक्त में लौटे ताकतवर अंदाज़ में
2022 के आखिरी दिन हुए कार हादसे में पंत का घुटने का लिगामेंट टूट गया था, और तब यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या वह कभी दोबारा क्रिकेट खेल पाएंगे। उस मुश्किल घड़ी में देवेंद्र शर्मा ने उन्हें हिम्मत दी और परिवार, BCCI और NCA का सहारा लेकर पंत लौटे। रिहैब के लंबे सफर और मानसिक जंग में जीत दर्ज कर पंत ने IPL और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट में दमदार वापसी की।
दोनों पारियों में शतक – आलोचकों को करारा जवाब


इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले पंत के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे थे। चैंपियंस ट्रॉफी में चुने तो गए, मगर प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला। इंग्लैंड में दोनों पारियों में शतक जड़कर पंत ने सभी सवालों का जवाब दे दिया। इंग्लैंड जैसे मुश्किल कंडीशन्स में पहली पारी में 134 और दूसरी में 118 रन बनाकर उन्होंने यह साबित किया कि टीम मैनेजमेंट का उनपर विश्वास सही था।
आगे और दमदार पारियां खेलने का विश्वास
देवेंद्र शर्मा कहते हैं कि आने वाले समय में पंत टी-20 और वनडे में भी अपनी जगह पक्की करेंगे। इंग्लैंड में किया गया यह प्रदर्शन यह साफ संकेत है कि वह एक बार फिर भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट में ताकत बनकर लौटने वाले हैं।