भारत में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या 1072 तक पहुंच गई है। सबसे ज्यादा केस केरल (430) में हैं,

इसके बाद महाराष्ट्र (208), दिल्ली (104), गुजरात (83) और कर्नाटक (80) में हैं। अकेले बेंगलुरु में कर्नाटक के 73 मामले दर्ज किए गए हैं।
पिछले एक सप्ताह में देश में कुल 812 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कुल 11 लोगों की जान गई है, जिनमें से 9 मौतें सिर्फ एक हफ्ते में हुई हैं। सबसे अधिक 5 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। सोमवार को ठाणे में एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई।
राज्यों के हिसाब से आंकड़े:
राज्य मौतें सक्रिय केस
महाराष्ट्र 5 208
केरल 2 430
राजस्थान 2 32
मध्य प्रदेश 1 5
कर्नाटक 1 80
जयपुर में सोमवार को दो कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। एक मरीज रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था, जिसकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव पाई गई। दूसरा 26 वर्षीय युवक था, जो पहले से टीबी से पीड़ित था और प्राइवेट अस्पताल में भर्ती था।
महाराष्ट्र के ठाणे में एक 21 वर्षीय युवक की 25 मई को मौत हुई थी। उसका इलाज 22 मई से चल रहा था। इससे पहले 17 मई को बेंगलुरु में 84 वर्षीय बुजुर्ग की मल्टी ऑर्गन फेल्योर से मौत हुई थी, जिनकी कोविड रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई थी। केरल में भी दो मौतें दर्ज की गई हैं।
देश में मिले कोरोना के 4 नए वैरिएंट
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल के अनुसार, देश में अब तक कोविड-19 के चार नए वैरिएंट सामने आए हैं — LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। इन वैरिएंट्स की पहचान दक्षिण और पश्चिम भारत के सैंपल्स की जीनोमिक सीक्वेंसिंग से हुई है। बाकी क्षेत्रों से भी सैंपल लेकर परीक्षण जारी है।
डॉ. बहल ने कहा कि इन वैरिएंट्स को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। WHO ने भी इन्हें फिलहाल “वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” की श्रेणी में रखा है, न कि चिंताजनक की श्रेणी में।
NB.1.8.1 वैरिएंट के कुछ म्यूटेशन (जैसे A4355, V445H, और T478I) इसे तेजी से फैलने योग्य बनाते हैं और इससे बनी इम्युनिटी का उस पर कम असर होता है।
भारत में सबसे अधिक JN.1 वैरिएंट देखने को मिल रहा है, जो ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्ट्रेन का एक रूप है। अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया और दिसंबर 2023 में WHO ने इसे “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया।
JN.1 के सामान्य लक्षण:

सिरदर्द
बुखार
सूखी खांसी
स्वाद और गंध का जाना
गले में खराश, बहती या बंद नाक
थकान, मांसपेशियों में दर्द
दस्त या उल्टी
हालांकि यह अन्य वैरिएंट्स के समान ही है, लेकिन यह इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और अधिक फैल सकता है। कुछ मामलों में इसके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, जिसे “लॉन्ग कोविड” कहा जाता है।
JN.1 पर प्रभावी वैक्सीन्स
ICMR के अनुसार, वर्तमान में JN.1 पर प्रभावी वैक्सीन ‘MANA’ है, जो एक प्रोटीन-आधारित वैक्सीन है।
एशिया में कोविड का दोबारा उभार
सिंगापुर, चीन, थाईलैंड और हांगकांग जैसे एशियाई देशों में कोविड मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक नया घातक वैरिएंट सामने नहीं आता, भारत में स्थिति नियंत्रण में है।