वाशिंगटन/तेहरान/तेल अवीव: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। रविवार सुबह 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिका ने ईरान के 3 प्रमुख परमाणु ठिकानों — फोर्डो, नतांज और इस्फहान — को निशाना बनाकर एयर स्ट्राइक किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले के करीब 3 घंटे बाद देश को संबोधित किया और कहा कि ईरान की अहम परमाणु साइटें पूरी तरह तबाह कर दी गई हैं। उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि अगर वह शांति कायम नहीं करता तो उसपर और कड़े कदम उठाए जाएंगे।


ईरान का जवाब:

अमेरिका के हमले के जवाब में ईरान ने इजराइल के 14 अहम स्थानों को मिसाइल से निशाना बनाया, जिनमें हाइफ़ा और तेल अवीव के रिहायशी और सैन्य ठिकाने शामिल हैं। इजराइली मीडिया के अनुसार, इन हमलों में कम से कम 86 लोग घायल हुए हैं।
ईरान-इजराइल युद्ध का 10वां दिन: जानमाल का नुकसान
ईरान में 13 जून से अब तक 657 मौतें और करीब 2,000 घायल होने की खबर है। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 430 नागरिक मारे गए, 3,500 घायल हुए। इजराइल में 21 जून तक 24 मौतें और 900 से अधिक घायल हुए।
ताज़ा अपडेट्स
आईएईए (IAEA) ने अमेरिकी हमले के बाद आपातकालीन बैठक बुलाई है।
इजराइली सेना का दावा:
ईरान के 2 F-5 लड़ाकू जेट तबाह। 8 बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर तबाह (6 इजराइल को निशाना बनाने के लिए तैयार थे)।
ईरान ने पहली बार अपनी सबसे एडवांस मिसाइल सौबर (खोर्रमशहर-4) इजराइल की ओर दागी।
सऊदी अरब ने संयम और संवाद से तनाव कम करने का अनुरोध किया है।
इजराइली एयरलाइन्स ने 7 जुलाई तक सभी उड़ानों की बुकिंग रद्द कर दी है। प्रभावित यात्रियों को पूरी धनराशि क्रेडिट वाउचर के तौर पर लौटाई जाएगी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किर स्टार्मर ने अमेरिकी हमले का समर्थन किया और संवाद से समाधान निकालने का आग्रह किया है।
ईरान का रुख
ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी हमले को “अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन” करार दिया है। ईरान का कहना है कि वह देश की सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा। तेहरान ने अमेरिका और इजराइल को जिम्मेदार ठहराते हुए चेतावनी दी है कि आगे होने वाले किसी भी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा।
मध्य-पूर्व में तनाव चरम सीमा पर है। सभी पक्षों से संयम बरतने और संवाद से समाधान खोजने की अपीलें की जा रही हैं। अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और इजराइल-ईरान युद्ध से पूरी दुनिया में हलचल है, और सभी की निगाहें अब आगे होने वाली घटनाओं और कूटनीतिक पहलुओं पर टिकी हुई हैं।