
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से लेन-देन अब पहले से 50% तेज हो गया है। अब पेमेंट अधिकतम 15 सेकंड में पूरा हो जाएगा, जबकि पहले इसमें 30 सेकंड तक लग जाते थे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा किए गए तकनीकी बदलाव आज से लागू हो गए हैं। आइए 7 सवाल-जवाब में समझते हैं कि यह अपडेट क्या है और इसका फायदा कैसे मिलेगा:
- UPI ट्रांजैक्शन में क्या बदलाव हुए हैं?
पहले UPI एप्स जैसे PhonePe, Google Pay, या Paytm पर भुगतान करते समय ट्रांजैक्शन में कई बार 30 सेकंड तक लगते थे। अब NPCI ने बैंकों और एप्स को सिस्टम अपग्रेड करने का निर्देश दिया है, जिससे पेमेंट 15 सेकंड में पूरा हो सके। इस बदलाव के तहत एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) को अपग्रेड किया गया है।
- बदलाव की ज़रूरत क्यों पड़ी?
UPI का उपयोग अब छोटे दुकानदार से लेकर ई-कॉमर्स तक हर जगह हो रहा है। अक्सर ट्रांजैक्शन में देरी और स्टेटस अपडेट में समस्या आने से ग्राहक असंतुष्ट रहते थे। NPCI चाहता है कि यूजर्स को बेहतर अनुभव मिले और फेल ट्रांजैक्शन की शिकायतें घटें।
- कौन-कौन से ट्रांजैक्शन अब तेजी से होंगे?

सभी प्रकार के UPI ट्रांजैक्शन अब तेज होंगे — चाहे आप QR कोड स्कैन कर भुगतान करें, किसी को पैसे भेजें या ट्रांजैक्शन स्टेटस देखें। ट्रांजैक्शन रिवर्सल और स्टेटस अपडेट का समय भी अब अधिकतम 10 सेकंड रहेगा।

- अगर ट्रांजैक्शन अटक जाए तो कंफर्मेशन कब मिलेगा?
पहले पेमेंट एप्स को वेरिफिकेशन के लिए 90 सेकेंड तक इंतजार करना पड़ता था। अब वे 45-60 सेकेंड के भीतर पेंडिंग ट्रांजैक्शन की स्थिति जांच सकेंगे। इससे यूजर्स को जल्दी क्लैरिटी मिलेगी
- क्या यूजर्स को कुछ करने की जरूरत है?
नहीं, यह तकनीकी बदलाव NPCI, बैंकों और पेमेंट एप्स ने किए हैं। यूजर्स को केवल यह सुनिश्चित करना है कि उनका UPI एप अपडेटेड हो।
- क्या इससे फ्रॉड में कमी आएगी?
प्रत्यक्ष रूप से नहीं, लेकिन तेजी से स्टेटस अपडेट और रिवर्सल सुविधा से ट्रांजैक्शन की निगरानी बेहतर होगी, जिससे फ्रॉड को समय रहते पकड़ा जा सकेगा।
- UPI से जुड़े और कौन-से नए बदलाव आने वाले हैं?
1 अप्रैल 2025 से: UPI लाइट अकाउंट से पैसे निकालना आसान होगा, और सभी एप्स में पासकोड/पैटर्न लॉक अनिवार्य होगा।

30 जून 2025 से: पेमेंट से पहले रिसीवर का सही बैंक नाम स्क्रीन पर दिखेगा।
1 अगस्त 2025 से: एक एप से बैलेंस चेक 50 बार तक किया जा सकेगा। ऑटोपे केवल नॉन-पीक घंटों में संभव होगा।
UPI का उपयोग लगातार बढ़ रहा है
मई 2025 में, देशभर में UPI के जरिए 18.67 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू 25.14 लाख करोड़ रुपए रही। यह पिछले महीने की तुलना में 4% अधिक है।